आज का सुविचार (10 दिसम्बर 2015, गुरुवार, मार्गशीर्ष कृष्ण १४)
ईदृशेश्वर सिद्धा- इस प्रकार ईश्वर सिद्ध है। इस प्रकार नियम सिद्ध है। अनियम असिद्ध है। उपरोक्त तीन सूत्र एक उत्तम शंका समाधान है। जिसका उद्योगशास्त्र उपयोग कर सकता है। एक रोचक तर्क बातचीत में दिया जाता है कि गिलास आधा भरा है या गिलास आधा खाली है कुछ भी कह लो। यह तर्क से विचार करने पर पता चलता है कि गलत है। तथा दोनों बातें समान नहीं हैं। इसे जरा सरल तर्क के रूप में लें तो आधा काम हो गया, आधा काम नहीं हुआ है, तथ्य उभरता है। इससे तीन तरह के चिन्तन उभरते हैं 1) आधा काम बाकी है। 2) आधा काम हुआ है। (3) आधा काम हुआ हैं तथा आधा काम बाकी है। स्पष्ट है तीसरा चिन्तन सही तथा पूर्ण है। पहले दोनों चिन्तन आधे-अधूरे हैं। (~स्व.डॉ.त्रिलोकीनाथ जी क्षत्रिय)
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