।।ओ३म्।।
🚩गीता सन्देश🚩
९-१२-२०१५
अव्यक्तादीनि भूतानि
व्यक्त मध्यानिभारत।
अव्यक्तनिधनान्येव
तत्र का परिदेवना।।
गीता अ २-२८
अर्थः- हे अर्जुन! सम्पूर्ण प्राणी जन्म से पहले अप्रकट थे और मृत्यु के बाद भी अप्रकट ही होने वाले है केवल बिच में ही प्रकट है फिर ऐसी स्थिति में क्या शोक करना।
(मुकेशार्यः कानड़)
ओ३म्
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