Bipin Savaliya
।।ओ३म् ।।कृण्वन्तो विश्वमार्य।। www.aaryaveercampus.edu.in
Monday, March 9, 2015
"बहुत से आँख के अन्धे भी नयनसुख सुख वालो से ज्यादा काम करते हैं किन्तु अकल के अन्धे कुछ नहीं कर सकते"
“बहुत से आँख के अन्धे भी नयनसुख सुख वालो से ज्यादा काम करते हैं किन्तु अकल के अन्धे कुछ नहीं कर सकते”
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