🌺गृहस्थ जीवन व्यवहार विचार 🌺 👉संग्रह कर्ता :- राजिंदर वैदिक —————————————- 👉दूसरों की भलाई करो। परोपकारी से मित्रता करो। दया, स्नेह और करुणा अपनाओ। स्नेहपूर्ण ह्रदय सबसे बड़ा धन है। दुर्गुण बुरी चीज़ है; उसे पनपने न दो। अपने दुर्गुण दूर करो। अपने को सागर की तरह गम्भीर बनाओ। अच्छे विचारों को रत्न बनाओ। मन को जल के समान स्वच्छ रखो। 🌺 स्वास्थ्य से बड़ा कोई लाभ नही। सन्तोष से बड़ा कोई धन नही। प्रेम से बड़ी कोई प्राप्ति नही है। द्वेष के समान कोई अपराध नही। जाति- पाती का भेदभाव कदापि ठीक नही। ———-राजिंदर वैदिक
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