Friday, October 16, 2015

🌻🌻🌻🌻ओ३म्🌹🌹🌹🌹 भूपेश आर्य योगी याज्ञवल्क्य जी स्नान के विषय में बताते हैं- गुणा: सदा स्नानपरस्य...

🌻🌻🌻🌻ओ३म्🌹🌹🌹🌹
भूपेश आर्य

योगी याज्ञवल्क्य जी स्नान के विषय में बताते हैं-
गुणा: सदा स्नानपरस्य साधो:,
रुपं च तेजश्च बलश्च शौचम्।
आयुष्यमारोग्यमलोरूपत्वम्,
दु:स्वप्ननाशञ्च यशश्च मेधाम्।।
अर्थ-हे सज्जनों! सदैव स्नान करने वाले मनुष्य को रूप,तेज,बल,पवित्रता,आयुष्य,आरोग्यता,अलोलुपता,बुरे स्वप्नों का न आना,यश और मेधादि गुण प्राप्त होते हैं।


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