ॐ शन्नो देवीरभिष्टयआपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिस्रवन्तु नः।।
अर्थात- हे सर्वजगत उत्पादक , सर्वव्यापक, सर्वानंदप्रदाता ईश्वर ! आप हमारा कल्याण करो | संसार में सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करने के लिए जिस-जिस ज्ञान ,बल ,प्रजा ,पशु, धन, संपत्ति , दीर्घायु आदि उत्तम पदार्थो की आवश्यकता होती है, उन सब को , धर्मपूर्वक व सुगमता से प्राप्त करने का सामर्थ्य हमें प्रदान करो | कभी भी, किसी भी वस्तु की कमी हमारे पास न हो, बल्कि हम सब अभीष्ट वस्तुओं को प्राप्त करके , सब काल में सर्वथा सुखी ही रहें | हे सर्वान्तर्यामी , करुणाकर , दयानिधे ! हमें आप पर पूरा भरोसा है, आप अवश्य ही हमारी इच्छा को पूरा करेंगे।
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