दया करी ने मने प्रेमे पायो
मारी नैनो मे आया नुर रे
प्यालो मे पीधेल छे भरपुर,,,
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नुरत सुरत की सान ठेराणी
बजत है गगन मे तुर रे
रोमे रोमे रंग लागी रीयो
नखसीख प्रगट्या नुर रे
प्यालो मे पीधेल छे भरपुर,,,
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स्थावर जंगम जल स्थल भरीया
धट मा चंदा ने सुर रे
घटोघट मा राम रमता बिराजे
दिल हिणा थी दुर रे
प्यालो मे पीधेल छे भरपुर,,,
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भावे प्रीते पुरा नर भेट्या
वरसत निरमळ नुर रे
जे समज्या गुरुजी नी सान मा ते
भर्या रह्या भरपुर रे
प्यालो मे पीधेल छे भरपुर,,,
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भीम भेट्या मारी भ्रमणा भांगी
हरदम हजुर रे
दासी जीवण संत भीम ना चरणे
पीता थया चकचुर रे
प्यालो मे पीधेल छे भरपुर,,,
★परबत गोरीया★
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