Monday, August 22, 2016

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺ॐ समुद्रादर्णवादधि संवत्सरोअजायत अहो रात्राणि विदधत् मिषतो वशी||~~~~वैदिक...

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺ॐ समुद्रादर्णवादधि संवत्सरोअजायत अहो रात्राणि विदधत् मिषतो वशी||~~~~वैदिक संध्यामन्त्र~~ऋग्वेद~~10~190~ 2सरे मन्त्र का पद्यानुवाद~~~~~~~~दिन और रात घड़ी संवत्सर,लहराए सागर गहराकर| धारण कर के वश में रखता, पार न कोई तव पा सकता| हे प्रभु तेरी महिमा जानें, विमल विनत तुझ पर अभिमानें ||~👏


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