🌹ओ३म्🌹
श्लोक
येषां न विद्या न तपो न दानं ।
न ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्मः।
ते मृत्युलोके भुवि भार भूताः ।
मनुष्यरूपेण मृगाशचरनति।।
भावार्थ ।
ये विद्या जिसके काम की नही है ।
न तप है । न दान है ।न ज्ञान है ।
न शील है ।न गुण है । न धर्म है ।
वे भार के रूप है ।मनुष्य के शरीर मे पशु की तरह विचरण करते है 🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃
भावना आर्या मथुरा 🌺🌺
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