ओ३म्
*🌷दिल के समस्त रोग🌷*
आवश्यकतानुसार सूखे आंवलों को कूट पीसकर बारीक चूर्ण बना लें और उसमें बराबर वजन पीसी हुई मिश्री मिलाकर किसी काँच के मर्तबान में रख दें।नित्य सवेरे खाली पेट छः ग्राम (दो चम्मच भर) चूर्ण की पानी के साथ फांक लेने से कुछ ही दिनों में ह्रदय के समस्त रोग दूर हो जाते हैं।विशेषकर ह्रदय की धड़कन,ह्रदय की कमजोरी और चेतना-शून्यता आदि रोगों में परम लाभकारी,चमत्कारी और खूब अनुभूत प्रयोग है।
*विशेष:-*आंवला का निरन्तर सेवन रक्तवाहिनियों को मुलायम और लचकीला बनाता है तथा रक्तवाहिनियों की दीवारों के कठोर तथा मोटा हो जाने का दोष दूर करता है।इसी कारण रोगी का हाई ब्लडप्रेशर दूर होता है।
*उच्च रक्त चाप (High Blood Pressure)*
प्याज का रस और शुद्ध शहद बराबर मात्रा में मिलाकर नित्य दस ग्राम(दो चम्मच) की मात्रा में दिन में एक बार लेना अधिक रक्तचाप का प्रभावशाली इलाज है।
प्याज का रस खून में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करके दिल के दौरे को रोकता है।
*सहायक उपचार*
खाना खाने के बाद कच्चे लहसुन की एक दो फाँके छीलकर टुकड़े कर पानी के साथ चबा लें।इससे उच्च रक्तचाप मिटता है।लहसुन की ताजा कलियाँ बढ़े हुए रक्तचाप को कम कर साधारण संतुलित अवस्था में रखने में सक्षम होती है।
*लहसुन खाने की कारगर विधि:-*
प्रातः खाली पेट लहसुन की दो-तीन कलियों को छील लें।फिर प्रत्येक कली के तीन-चार टुकड़े कर थोड़े पानी के साथ प्रातः खाली पेट चबा लें या उन टुकड़ों को पानी के घूँट के साथ निगल लें।इस विधि से कच्चे लहसुन का सेवन रक्त में कोलेस्ट्रोल की मात्रा शीघ्रता से घटाने,रक्तचाप कम करने और टयूमर बनने से रोकने में बेजोड़ है।
*सहायक उपचार:-*
गेहूं और चने बराबर मात्रा में लेकर आटा पिसवायें।चोकर सहित आटे की रोटी बनायें और खायें।कुछ दिन में ही उच्च रक्तचाप में सुधार होगा।
(2) रात को तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी प्रातः पीने से उच्च रक्तचाप कम होता है और इसके नियन्त्रण में सहायता मिलती है।
(3) सवेरे खाली पेट डाल का पका पपिता एक मास तक खायें। इसके खाने के बाद दो घण्टे तक कुछ न खाएं-पीएं।इससे उच्च रक्तचाप ठीक रहता है।
(4) आधा कप पानी में आधा नींबू निचोड़कर दिन में दो-तीन बार दो-दो घण्टे से पीने से तुरन्त लाभ होता है।
*उच्च रक्तचाप(हाई ब्लडप्रेशर) में परहेज:-*
दूध,मक्खन आदि से बनी भारी वस्तुएँ,तले पदार्थ,मद्यपान,धूम्रपान,घी,नमक,बैंगन,आलू,अधपका केला,कटहल,दालें,मैदा,मिठाई,गुड़,तेल,खटाई,मिर्च-मसाले,पालिश किया हुआ चावल,सफेद चीनी,चाय,काफी,माँस,मछली,मादक द्रव्य।
(ख) देर तक बैठना,या खड़ा होना,भागकर सीढ़ियाँ चढ़ना,अधिक और बार-बार भोजन करना,अत्यधिक क्रोध,भय,हर्ष,शोक,घबराहट,जल्दबाजी,परेशानी और मानसिक तनाव।
ये सब करना निषेध है।
from Tumblr http://ift.tt/2aYqK2O
via IFTTT
No comments:
Post a Comment