Wednesday, September 7, 2016

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺त्वमिन्द्राभिभूरसि त्वं सूर्य्य मरोचयः | विश्वकर्मा विश्वदेवो महाँ असि...

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺त्वमिन्द्राभिभूरसि त्वं सूर्य्य मरोचयः | विश्वकर्मा विश्वदेवो महाँ असि ||~सामवेद~उ0~3~2~22~2~~~~~मन्त्र का पद्यानुवाद~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~सर्व प्रकाशक, सबके शासक, महादेव, सविता महतारी| ज्योतिष्मान् जगत् उजियारे, सूरज में चमके छवि थारी|| आये हैं प्रभु शरण आपकी, हमको जगमग कर देना| विमल वेद की ज्योति द्वारा,रग रग निज से भर देना||👏


from Tumblr http://ift.tt/2bVljBK
via IFTTT

No comments:

Post a Comment