🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺त्वमिन्द्राभिभूरसि त्वं सूर्य्य मरोचयः | विश्वकर्मा विश्वदेवो महाँ असि ||~सामवेद~उ0~3~2~22~2~~~~~मन्त्र का पद्यानुवाद~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~सर्व प्रकाशक, सबके शासक, महादेव, सविता महतारी| ज्योतिष्मान् जगत् उजियारे, सूरज में चमके छवि थारी|| आये हैं प्रभु शरण आपकी, हमको जगमग कर देना| विमल वेद की ज्योति द्वारा,रग रग निज से भर देना||👏
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