भारत चालीसा या ।। गौरव-गान।।
आर्य कवि पंडित जगदीशचन्द्र ”प्रवासी"
6-साहित्य
जहां ईश्वरी-ज्ञान वेद हैं ऋग, यजु, साम, अथर्व महान।
छै दर्शन छै शास्त्र सुब्राह्मण, आरण्य गृह सूत्रादि बखान।।
निरुक्त, शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, छन्द ज्ञान सोपान।
सांख्य, योग, वैशेषिक, न्याय, सुमीमांसा, वेदान्त विज्ञान।।
ईश, केन, कठ, प्रश्र, आदि हैं, उपनिषदें आध्यात्मिक-प्राण।
रामायण, महाभारत, गीता, ग्रन्थ-साहब काव्य पुराण।।
शतपथ, गौपथ, अष्टाध्याय, मनुस्मृति है विद्या गुन-धान।
अर्थ, धनुर्गन्धर्व सु आयुर्वेद व वैदिक सम्पति-ज्ञान।।
हैं सत्यार्थ प्रकाश, भाग्य श्रुति, संस्कार विधि गुन-खान।
है भूमण्डल में भारत देश महान।।
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