खुद्दारी ललकार रही है सत्यार्थ प्रकाश पढ लो….
जो अजगर फूंकार रहा है फौरन उसका फन कुचलो…!!
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सेना को अधिकार सौंप दो और चुनौती दस दिन की…..
पहले दिन ही गोला दागो नाभिकुण्ड पर रावण की….!
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हिम्मत है तो ठोकर मारो दुनियां के हथकण्डों पर…
इजराइल से जीना सीखो अपने ही भुजदण्डों पर…..!
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घाटी के नरसंहारों का गिन-गिन कर उत्तर मांगो….
जो आतंकी जेलों में हैं सब को सूली पर टांगो….!
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पर हमने सिंह गर्जना वाला तेवर छोड दिया….
वोट बचाने के चक्कर में देश बचाना छोड दिया….!
⊙कब तक आखिर कब तक बोलो कब तक ये मजबूरी है….
वोट बैक की लाचारी से पहले देश जरुरी है…!
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काश आज नेता सुभाष कैसा दिलदार हुआ होता…
कभी नहीं इतना कायर दिल्ली दरबार हुआ होता….!
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काश आज भी १९७१ वाला दौर हुआ होता….
तो दिल्ली के आगे भीगी बिल्ली लाहौर हुआ होता….!!
रीतू चंदेल -
।। जो बोले सो अभय वैदिक धर्म की जय ।।
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