Saturday, December 5, 2015

खुद्दारी ललकार रही है सत्यार्थ प्रकाश पढ लो…. जो अजगर फूंकार रहा है फौरन उसका फन...

खुद्दारी ललकार रही है सत्यार्थ प्रकाश पढ लो….
जो अजगर फूंकार रहा है फौरन उसका फन कुचलो…!!

सेना को अधिकार सौंप दो और चुनौती दस दिन की…..
पहले दिन ही गोला दागो नाभिकुण्ड पर रावण की….!

हिम्मत है तो ठोकर मारो दुनियां के हथकण्डों पर…
इजराइल से जीना सीखो अपने ही भुजदण्डों पर…..!

घाटी के नरसंहारों का गिन-गिन कर उत्तर मांगो….
जो आतंकी जेलों में हैं सब को सूली पर टांगो….!

पर हमने सिंह गर्जना वाला तेवर छोड दिया….
वोट बचाने के चक्कर में देश बचाना छोड दिया….!
⊙कब तक आखिर कब तक बोलो कब तक ये मजबूरी है….
वोट बैक की लाचारी से पहले देश जरुरी है…!

काश आज नेता सुभाष कैसा दिलदार हुआ होता…
कभी नहीं इतना कायर दिल्ली दरबार हुआ होता….!

काश आज भी १९७१ वाला दौर हुआ होता….
तो दिल्ली के आगे भीगी बिल्ली लाहौर हुआ होता….!!

रीतू चंदेल -

।। जो बोले सो अभय वैदिक धर्म की जय ।।


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