Monday, December 7, 2015

महर्षि दयानंद के बारे मे अन्य महापुरुषों के विचार - १- “स्वराज्य और स्वदेशी का सर्वप्रथम मन्त्र...

महर्षि दयानंद के बारे मे अन्य महापुरुषों के
विचार -
१- “स्वराज्य और स्वदेशी का सर्वप्रथम मन्त्र प्रदान
करने वाले जाज्वल्यमान नक्षत्र थे दयानंद |” – लोक
मान्य तिलक
२- “आधुनिक भारत के आद्यनिर्मता तो दयानंद ही
थे |”- सुभाष चंद्रबोस
३- “सत्य को अपना ध्येय बनाये और महर्षि दयानंद
को अपना आदर्श|”- स्वामी श्रद्धानंद
४- “महर्षि दयानंद इतनी बड़ी हस्ती हैं के मैं उनके
पाँव के जूते के फीते बाधने लायक भी नहीं |”- ए
.ओ.ह्यूम
५- “स्वामी जी ऐसे विद्वान और श्रेष्ठ व्यक्ति थे,
जिनका अन्य मतावलम्बी भी सम्मान करतेथे।”- सर
सैयद अहमद खां
६- “आदि शङ्कराचार्य के बाद बुराई पर सबसे
निर्भीक प्रहारक थे दयानंद |”- मदाम ब्लेवेट्स्की
७- “ऋषि दयानन्द का प्रादुर्भाव लोगों को
कारागार से मुक्त कराने और जाति बन्धन तोड़ने के
लिए हुआ था। उनका आदर्श है-आर्यावर्त ! उठ, जाग,
आगे बढ़।समय आ गया है, नये युग में प्रवेश कर।”- फ्रेञ्च
लेखक रिचर्ड
८- “गान्धी जी राष्ट्र-पिता हैं, पर स्वामी दयानन्द
राष्ट्र–पितामह हैं।”- पट्टाभि सीतारमैया
९- “भारत की स्वतन्त्रता की नींव वास्तव में
स्वामी दयानन्द ने डाली थी।”- सरदार पटेल
१०- “स्वामी दयानन्द पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने
आर्यावर्त (भारत)आर्यावर्तीयों (भारतीयों) के
लिए की घोषणा की।”-एनी बेसेन्ट
११- “महर्षि दयानंद स्वाधीनता संग्राम के सर्वप्रथम
योद्धा थे |”-वीर सावरकर
१२- “ऋषि दयानंद कि ज्ञानाग्नि विश्व के मुलभुत
अक्षर तत्व का अद्भुत उदाहरण हैं |”-डा. वासुदेवशरण
अग्रवाल
१३- “ऋषि दयानंद के द्वारा कि गई वेदों कि
व्याख्या की पद्धति बौधिकता, उपयोगिता,
राष्ट्रीयता एवं हिंदुत्व के परंपरागत आदेशो के अद्भुत
योग का परिणाम हैं |” -एच. सी. ई. जैकेरियस
१४- “स्वामी दयानंद के राष्ट्र प्रेम के लिए उनके
द्वारा उठाये गए कष्टों, उनकी हिम्मत, ब्रह्मचर्य
जीवन और अन्य कई गुणों के कारण मुझको उनके
प्रति आदर हैं | उनका जीवन हमारे लिए आदर्श बन
जाता हैं | भारतीयों ने उनको विष पिलाया और वे
भारत को अमृत पीला गए|”-सरदार पटेल
१५- “दयानंद दिव्य ज्ञान का सच्चा सैनिक था,
विश्व को प्रभु कि शरणों में लाने वाला योद्धा
और मनुष्य व संस्थाओ का शिल्पी तथा प्रकृति
द्वारा आत्माओ के मार्ग से उपस्थित कि जाने
वाली बाधाओं का वीर विजेता था|”-योगी
अरविन्द
१६- “मुझे स्वाधीनता संग्राम मे सर्वाधिक प्रेरणा
महर्षि के ग्रंथो से मिली है |”-दादा भाई नैरोजी
१७- “मैंने राष्ट्र, जाति और समाज की जो सेवा की
है उसका श्रेय महर्षि दयानंद को जाता है|”-श्याम
जी कृष्ण वर्मा
१८- “स्वामी दयानंद मेरे गुरु हैं उन्होंने हमें स्वतंत्रता
पूर्वक विचारना, बोलना और कर्तव्यपालन करना
सिखाया|”-लाला लाजपत राय
१९- “स्वराज्य और स्वदेशी का सर्वप्रथम मन्त्र
प्रदान करने वाले जाज्वल्यमान नक्षत्र थे दयानंद |”-
लोकमान्य तिलक
२०- “हमारे विचार और मानसिक विकास अधिकाँश
आर्य समाज की देन है|”-बलिदानी भगत सिंह
२१- “राजकीय क्षेत्र मे अभूतपूर्व कार्य करने वाले
महर्षि दयानंद महान राष्ट्रनायक और क्रन्तिकारी
महापुरुष थे |”- लाल बहादुर शास्त्री


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