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Book Nmae:- मानव धर्म शास्त्र तथा शाशन पद्धति
Author:- मुंशीराम जिज्ञासु ( स्वामी श्रद्धानंद जी )
Size:- 3.3MB only……
pages:- 62
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यद्यपि मनु भगवान के बनाये हुये धर्म शास्त्र का नाम मानव धर्म शास्त्र है तथापि इस स्थान मे मनुष्य सम्बन्धी धर्म शास्त्र का आन्दोलन करना अभीष्ट है | जिस ‘मन’ धातु से मनुष्य शब्द बना है, उसी से 'मनु’ शब्द भी सिद्ध होता है | मानव के अर्थ हुये मनुष्य सम्बन्धी, धर्म:धरति धारयति वा, जिसे संसार धारण किये हुये है उसे धर्मा कहते है | प्राकृत पदार्थो का धर्म भिन्न है, यथा अग्नि का जलाना तथा प्रकाश देना, वायु का स्पर्श करना, हिलना व सुखाना | पशुओ का धर्म भिन्न है, परन्तु मनुष्य कि अपेक्षा फिर भी उसकी विद्या बहोत सरल है | मनुष्य कि बनावट जैसी अधिक समिश्रित है उतना ही उसका धर्म पेचीदा है | इसलिए मानव धर्म कि विद्या भी पेचीदा है | शास्त्र शब्द का प्रयोग विद्या अर्थात साइंस के अर्थ मे है | इसी प्रकार सारी शासन विद्या law के लिए भी यूरोप, इंग्लॅण्ड, और अमेरिका को रोम की ही कृतज्ञता प्रकट करनी पड़ती है | और ज्यादा ज्ञान प्राप्त करने हेतु इस ग्रन्थ को अवश्य पढ़े और अन्यों को भी सुझाव दे |
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