Saturday, August 6, 2016

दारा शिकोह हिन्दू थे इसीलिए औरंगज़ेब ने कराई थी अपने भाई की ही हत्या ? यह कहानी है 1628 से 1658,...

दारा शिकोह हिन्दू थे इसीलिए औरंगज़ेब ने कराई थी अपने भाई की ही हत्या ?


यह कहानी है 1628 से 1658, जब शाहजहाँ बादशाह थे और दारा शिकोह, उनके सबसे बड़े बेटे शेह्जादे! कहा जाता है की दारा शिकोह को मजहबों के बारे में पढने में बहुत रूचि थी! और यह तो सब को ही पता था की शाहजहाँ के बाद शहेंशाह वो ही बनेंगे उन्होंने सब ही धर्मों का अध्यन करा, परन्तु जब वह पुराण और वेद पढ़ रहे थे, तो उन्हें ऐसा लगा जिससे उनके अन्दर कोई चिंगारी भड़क गई!

उन्हें सनातन धर्म इस तरह भाया की कहते हैं कि वह इसकी और बारीकी से पढ़ाई करने के लिए काफी समय तक संतों के साथ बनारस में भी रहे! उन्होंने संस्कृत सीखी और वेदों का अध्यन शुरू कर दिया! परन्तु जब यह बात आगरा में बैठे उनके भाई औरंगज़ेब को पता चली, तो उन्हें यह बर्दाश्त ना हुआ!

उन्होंने अपने गुप्तचरों को बनारस भेजा, यह पता करने के लिए की आखिर शहज़ादे वहां क्या कर रहे हैं! गुप्तचरों ने उन्हें चौका देने वाली खबर दी! उन्होंने छोटे भाई को बोला की बड़ा भाई तो हिन्दू हो गया है! यह बात सुनकर औरंगज़ेब आग बबूला हो गए, और उन्होंने एक भयंकर साजिश रचनी शुरू करदी! जल्द ही उन्होंने बाकि मुस्लिम गवर्नरों को भी भड़का दिया और दारा शिकोह के खिलाफ युद्ध का एलान कर दिया!

औरंगज़ेब की तरह ज़्यादातर गवर्नर जिहादी सोच रखते थे और उन्हें उसका साथ देने में कोई भी दिकत नहीं थी! जो साथ नहीं देना चाहते थे, वो चुप चाप बैठ गए! यह युद्ध कई साल चला, और अंत में औरंगज़ेब के सैनिकों ने बाप और बेटा को गिरफ्तार कर लिया!

जब उन्हें औरंगज़ेब के सामने पेश किया गया, तो उन्हें कहा गया की वो फिर से इस्लाम को अपना ले और माफ़ी मांग लें! परन्तु उन्होंने माफ़ी मांगने से इंकार कर दिया! इस पर औरंगज़ेब बहुत नाराज़ हुआ और उसने उन दोनों को मौत की सज़ा सुना दी! यह तब की बात है जब औरंगज़ेब ने अपने पिता शाहजहाँ को भी बंधी बना लिया था, और स्वयं को हिंदुस्तान का बादशाह करार कर दिया था!

दारा शिकोह को चौराहे पर सबके सामने मारा दिया गया और औरंगज़ेब ने यह ऐलान करवाया, की उसका भाई काफ़िर हो गया था, इसलिए उसे सज़ाए मौत दी जा रही है! बाद में उसके शव को हुमायूँ के मकबरे में दफना दिया गया!

आप में से कितने लोग यह जानते थे, की मुगलों के घरों में भी कोई सनातन धर्म का भक्त था ?


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