8वीं सदी से पहले हिन्दू शब्द का प्रयोग इसलिए नही हुआ क्योंकि किसी संप्रदाय को स्पष्ट रूप से तब लिखते है जब उसकी तुलना किसी और संप्रदाय के साथ समानता या असमानता को दर्शाने के लिए करते है । जब उस वक़्त हिन्दू संप्रदाय के अतिरिक्त कोई था ही नही तो तुलना किस्से करते ?
उदाहरण के लिए जब आप अकेले किसी स्थान पे बैठे हो तो लोग सीधा आपका नाम लेंगे ना की आपका surname साथ में जोड़ कर बुलाएँगे ।
जब आपके नाम काकोई और व्यक्ति वहां उपस्थित होगा तभी surname के साथ आपका नाम जोड़ कर बुलानेकी आवश्यकता है ।
पर आपलोग इतने महान् हो की अपने ही धर्म और संस्कृति को झूठा सिद्ध करने में लगे हुए हो ।
या तो आप कोई आवरण लिए हो चेहरे पे और हिन्दू धर्म संस्कृति को बदनाम करने के लिए कोई अन्य संप्रदाय से भी हो सकते हैं ।
खैर जो भी हो मेरी शुभकामनाये आपके साथ है लगे रहो 👍🏻👍🏻
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