Friday, November 23, 2018

नमस्ते जीपूर्णावर्तन में समस्त पाठकगण का स्वागत है।अब तक हमने जो जाना - समझा है उन्ही में से प्रश्न...

नमस्ते जी

पूर्णावर्तन में समस्त पाठकगण का स्वागत है।

अब तक हमने जो जाना - समझा है उन्ही में से प्रश्न होंगे, और इससे पाठकगण का अभ्यास भी ठीक हो जाएगा।

प्रश्न १ ) मनुष्य के प्रयोजन का प्रयोजक कौनसा साधन है ? अर्थात प्रयोजन का सहायक होने से उनका साधन है। मनुष्य को अपना प्रयोजन सिद्ध करना हो, तो साधन तो चाहिए और उस प्रयोजन को सिद्ध करने का सबसे उत्तम और अनिवार्य साधन है।

वह साधन कौनसा है ?

२ ) अभ्युदय किसे कहते है ?

३) निःश्रेयस की प्राप्ति किसे कहते है ? निःश्रेयस किस की भूमि पर पनपता है और किस की छांव है ?

४ ) शास्त्र और तत्त्वज्ञान में कौन विषय और विषयी है ? मुक्ति और तत्वज्ञान में कौन कारण है और कौन कार्य ?

५ ) किसे ध्यान में रखते हुए अभ्युदय को प्राप्त करते है, वही व्यक्ति सम्यक रूप से प्राप्त करेंगे।

६ ) इस शास्त्र के अनुसार लक्षण कितने प्रकार के होते है ?

कौन कौन से ?

७ ) जो द्रव्य धर्म रूप में था वह कार्यद्रव्य में आने से धर्मी बनजाता है उनका उदाहरण बताने का प्रयास करें

८) ईश्वर ने संसार क्यों बनाया है ?

९ ) वेद ही ईश्वरीय ज्ञान है वह कैसे प्रमाणित होता है ?

१० ) क्या अधर्म को अधर्म बताना या कहना भी धर्म है ?

यदि किसी सदस्य ने उत्तर दे दिया है और उसे ऐसा ज्ञात हो कि यह उत्तर मुझे भी ज्ञात था तो वह अपनी सहमति दे देवें।


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