।।ओ३म् ।।कृण्वन्तो विश्वमार्य।। www.aaryaveercampus.edu.in
तेरे गिरने में, तेरी हार नहीं । तू आदमी है, अवतार नहीं ।। गिर, उठ, चल, दौड, फिर भाग, क्योंकि “जीत” संक्षिप्त है इसका कोई सार नहीं
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