Saturday, December 12, 2015

|| महान देश भारत लेख न• १ || मित्रों आज हम आपको परिचित कराते है कि आखिर अतीत में कैसा था हमारा महान...

|| महान देश भारत लेख न• १ ||

मित्रों आज हम आपको परिचित कराते है कि आखिर अतीत में कैसा था हमारा महान भारत…

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मैगस्थानीज व प्लाइनी आदि ग्रीक और रोमन लेखको ने लगभग २२५० वर्ष पूर्व भारत के बारे में लिखा है–

“यहां किसी घर से पानी मांगने पर गृहणी दूध का कटोरा देती थी | जनता इतनी सुखी थी कि अपराध होते ही नहीं थे | घरों मे ताले नहीं लगते थे | यहां औसत आयु १५० वर्ष से ऊपर थी |”


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“हजरत मुहम्मद साहब भारतवर्ष की ओर मुख करके नमाज(ईश्वर-प्रार्थना) करते थे | एक दिन उनके किसी मित्र ने इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा–” मुझे भारतवर्ष की ओर से वहदानियत(एकेश्वरवाद) व रूहानियत(अध्यात्मवाद) के झोंके आते है |“

इसी बात को शायर इकबाल ने कहा था–

"वहदत की लय सुनी थी दुनिया ने जिस मकां(स्थान) से |
मीर अरब को आई ठण्डी हवा वहां से ||”


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इतिहासकार अब्दुल वासिफ १४वीं शताब्दी में भारत के इतिहास ‘ताज्जियत-उल-असर(Tazjiyat-ul-amsarr)’ में लिखते हुए कहते है–

“सभी लेखक इस विचार पर एकमत है कि पृथ्वी पर रहने के लिए भारत एक मनोहर एंव संसार का सर्वोत्तम आन्नददायक स्थान है | इसकी धूलि वायु से भी शुध्द और इसकी वायु पवित्रता से भी पवित्र है | इसके आन्नददायक मैदान स्वर्ग के उद्यान के तुल्य है |”

“यदि कहा जाए कि स्वर्ग भारत में ही है तो कोई भी आश्चर्य नही है क्योकि स्वर्ग स्वयं भी भारत के तुल्य नहीं है |”

मित्रों अपने भारत के गौरवशाली अतीत को स्मरण रखो और लग जाओं एक गौरवशाली भविष्य के भारत के निर्माण में ||

ओ३म्…!
जय आर्य ! जय आर्यावर्त !!
S• Media लेखक– आर्यन “द फ्यूहरर”


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