Wednesday, September 14, 2016

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺तज्जयात् प्रज्ञालोकः ||~~योगदर्शन~विभूति...

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺तज्जयात् प्रज्ञालोकः ||~~योगदर्शन~विभूति पाद~सूत्र~५~~~~~~~~~~~पद्यार्थ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~विमल विजय संयम होने पर, प्रज्ञा का होता उत्कर्ष| ज्यों ज्यों संयम हो जाता दृढ, विकसित प्रज्ञा मन हो हर्ष| आओ प्रभु उपासक होकर, मेधा बुद्धि प्राप्त करें| उसके न्याय धर्म पर चलकर, चरणों में नित शीश धरें||👏


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