महर्षि दयानन्द सरस्वती एक ऐसे ब्रह्मास्त्र थे जिन्हे कोई भी पंडित,पादरी,मोलवी, अघंर, ओझा, तान्त्रिक हरा नहीं पाया और न ही उन पर अपना कोई मंत्र तंत्र या किसी भी प्रकार का कोई प्रभाव छोड़ पाया
*एक ऐसा वेद का ज्ञाता जिसने सम्पूर्ण भारत वर्ष में ही नहीं अपितु पूरी दुनियां में वेद का डंका बजाया था.
* एक ऐसा ईश्वर भक्त, जिसने ईश्वर को प्राप्त करने के लिए अपना घर त्याग ही कर दिया,
* एक ऐसा महान व्यक्ति जिसने लाखों की संपत्ति को ठोकर मार दी पर सत्य के राह से विचलित नही हुआ
* एक ऐसा दानी जिसने अपने गुरु दक्षिणा मे अपना सम्पूर्ण जीवन ही दान दे दिया…
* एक ऐसा क्रान्तिकारी जिसने सबसे पहले आजादी का बिगुल फूकँ न जाने कितने लोगो के अन्दर क्रान्ति की भावना को पोषित किया…
* एक ऐसा स्वदेश भक्त जिसने सबसे पहले स्वदेशीय राज्य को सर्वोपरी कहाँ और अंग्रेजो के सामने ही उनका राज्य समस्त विश्वसे नष्ट होने की बात कही
* एक ऐसा स्वदेशी रक्षक जिसने सबसे पहले स्वदेशीय राज्य को सर्वोपरी कहा ….
* एक ऐसा गौरक्षक व गौ प्रेमी जिसने सबसे पहले गौ रक्षा हेतू गौरक्षणी सभा बनाई व इसके नियमो का प्रतिपादन किया ..
* एक ऐसा निडर व्यक्ति जिसने निर्भीक होकर समाज की कुप्रथाओ, कुरितीयो पर प्रहार किया
* एक ऐसा व्यक्ति जिसने कभी भी सत्य से समझौता नही किया
* एक ऐसा धर्म धुरंधर जो केवल वेद का ही नही अपितु कुरान, पुराण, बाईबिल, त्रिपिटिक, व अन्य मजहबी व मंत मतान्नतरो वालो के ग्रन्थो का ज्ञान था
* एक ऐसा सत्य का पुजारी का जो अपनी हर बात डंके की चोट पर कहता था* एक ऐसा धर्म धुरन्धर जिसने सभी पाखंडो का खंडन कर सत्य का राह दिखाया….
* एक ऐसा धर्म धुरंधर जिसने इस देश का धर्मान्तरण ( ईसाईयत व ईस्लामीकरण ) होने के केवल रोका ही नही वरन् शुद्धि व घर वापसी द्वारा देश का धर्मान्तरण होने से रोका
मुझे गर्व है
हम उस महापुरुष के अनुयायी है।
हम ऐसे ऋषि के कार्यकर्ता बने
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