मुहम्मद बिन कासिम (Muhammad bin qasim):
7वीं सदी के बाद अफगानिस्तान और पाकिस्तान भारत के हाथ से जाता रहा। भारत में इस्लामिक शासन का विस्तार 7वीं शताब्दी के अंत में मोहम्मद बिन कासिम के सिन्ध पर आक्रमण और बाद के मुस्लिम शासकों द्वारा हुआ। लगभग 712 में इराकी शासक अल हज्जाज के भतीजे एवं दामाद मुहम्मद बिन कासिम ने 17 वर्ष की अवस्था में सिन्ध और बूच पर के अभियान का सफल नेतृत्व किया।
इस्लामिक खलीफाओं ने सिन्ध फतह के लिए कई अभियान चलाए। 10 हजार सैनिकों का एक दल ऊंट-घोड़ों के साथ सिन्ध पर आक्रमण करने के लिए भेजा गया। सिन्ध पर ईस्वी सन् 638 से 711 ई. तक के 74 वर्षों के काल में 9 खलीफाओं ने 15 बार आक्रमण किया। 15वें आक्रमण का नेतृत्व मोहम्मद बिन कासिम ने किया।
मुहम्मद बिन कासिम अत्यंत ही क्रूर यौद्धा था। सिंध के दीवान गुन्दुमल की बेटी ने सर कटवाना स्वीकर किया, पर मीर कासिम की पत्नी बनना नहीं। इसी तरह वहां के राजा दाहिर (679ईस्वी में राजा बने)और उनकी पत्नियों और पुत्रियों ने भी अपनी मातृभूमि और अस्मिता की रक्षा के लिए अपनी जान दे दी। सिंध देश के सभी राजाओं की कहानियां बहुत ही मार्मिक और दुखदायी हैं। आज सिंध देश पाकिस्तान का एक प्रांत बनकर रह गया है। राजा दाहिर अकेले ही अरब और ईरान के दरिंदों से लड़ते रहे। उनका साथ किसी ने नहीं दिया बल्कि कुछ लोगों ने उनके साथ गद्दारी की।
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Mohammed Bin Kasim ek krur yodhda nahi tha. Mohammed Bin Kasim ne success apni ability se payi.
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