जिए जा रहे हैं जिए जा रहे है ,
सफर को ख़तम किये जा रहे हैं।
क्यों जी रहे हैं कोई खबर ही नहीं है ,
इरादों पे अपनी नजर ही नहीं है ।
ये साँस आ रहे लिए जा रहे हैं ,
जिए जा रहे हैं जिए जा रहे है। ।
कहाँ जा रहे हैं कहाँ है ठिकाना ,
कभी हम ने सोचा न समझा न जाना।
जो दिल में आया किये जा रहे हैं ,
जिए जा रहे हैं जिए जा रहे है। ।
शबों रोज चाहों चक्कर में फैंस कर ,
बेजाने गुनाहों की दल दल में फैंस कर।
नफ़रत के प्याले पिए जा रहे हैं ,
जिए जा रहे हैं जिए जा रहे है। ।
मुबारक उन्हीं को है जीना जहाँ में ,
खिले फूल बनकर जो इस गुलिस्ताँ में।
महक अपनी सबको दिए जा रहे हैं,
जिए जा रहे हैं जिए जा रहे है। ।
फटे दिल मुहब्बत के धागों से सी कर ,
अमर हो गए आंसूं दुनिया के पीकर ।
जो गम ले के खुशियाँ दिए जा रहे हैं ,
हकीकत में वो ही जिए जा रहे हैं ।।
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