*वेद किसने लिखे और वेदों का प्रकाश कब हुआ-*
सृष्टि के आदि में सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापक ज्ञानस्वरूप परमेश्वर ने अपने शाश्वत ज्ञान- ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद को क्रमश: अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा के हृदयों में जनकल्याण हेतू प्रकाशित किया । इसको 1 अरब, 97 करोड, 29 लाख,49 हजार 119 वर्ष बीत चुके हैं और यह 120 वाँ वर्ष चल रहा है । सृष्टि की उत्पत्ति से लेकर आज तक आर्य लोग दिन दिन गिनते और प्रसिद्ध करते चले आ रहे हैं और हर याज्ञिक कार्य में संकल्प कथन करते लिखते लिखाते रहे हैं जो बही खाते की तरह मान्य है । वेदों की उत्पत्ति परमेश्वर द्वारा ही होना वेदों में भी उल्लखित है :-
*तस्माद यज्ञात सर्वहुतः ऋचः सामानि जज्ञिरे। छन्दांसि जज्ञिरे तस्माद यज्ञुस्तस्मादजायत।।* (यजु० 31.7)
उस सच्चिदानंद, सब स्थानों में परिपूर्ण, जो सब मनुष्यों द्वारा उपास्य और सब सामर्थ्य से युक्त है, उस परब्रह्म से ऋग्वेद, यजुर्वेद सामवेद और छन्दांसि - अथर्ववेद ये चारों वेद उत्पन्न हुए।
*यस्मादृचो अपातक्षन्* *यजुर्यस्मादपकशन।*
*सामानि यस्य लोमानी अथर्वांगिरसो मुखं।*
*स्कम्भं तं ब्रूहि कतमःस्विदेव सः।।*
(अथर्व० 10.4.20)
अर्थ : जो सर्वशक्तिमान परमेश्वर है, उसी से (ऋचः) ऋग्वेद (यजुः) यजुर्वेद (सामानि) सामवेद (अंगिरसः) अथर्ववेद, ये चारों उत्पन्न हुए हैं।
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