ॐ यः प्राणतो निमिषतो महित्वैक इद्राजा जगतो वभूव~~~ईश्वर स्तुति प्रार्थना उपासना प्रकरण का चौथा मन्त्र~~~~मन्त्र का पद्य में भाव~~~तुमने यह संसार बनाया, एक तुम्ही महाराजा हो| जड़~ चेतन, दोपाये~ चौपाये, तुमसे सब जग साजा हो|| सुखस्वरूप देवाधिदेव, अंतस्थल श्रद्धा से भरना| कभी विमुख न होपायें हम, ग्रहण हवि प्रियतम करना||~~~~~~~~~~~~~~~~~पद्यानुवादिका विमलेश बंसल आर्या
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