।।ओ३म् ।।कृण्वन्तो विश्वमार्य।। www.aaryaveercampus.edu.in
न तो तुमसे अब कोई आसक्ति न ही कोई शिकायतन तो अब तुम्हारी यादें मेरे ऊपर कोई असरकरती है |अनजानी राह से शुरू हुये रिश्ते की डोर भीअनजाने मोड़ पर ही खतम हुयी |लिली कर्मकार
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