Friday, January 9, 2015

मम्मी डाँट रहीं थी तो कोई चुपके से हँसा रहा था, वो थे पापा… . जब मैं सो रहा था तब कोई ...

मम्मी

डाँट रहीं थी

तो

कोई चुपके से

हँसा रहा था,

वो थे पापा…

.

जब

मैं सो रहा था

तब कोई

चुपके से

सिर पर हाथ

फिरा रहा था ,

वो थे पापा…

.

जब

मैं सुबह उठा

तो

कोई बहुत

थक कर भी

काम पर

जा रहा था ,

वो थे पापा…

.

खुद

कड़ी धूप में

रह कर

कोई

मुझे ए.सी. में

सुला रहा था ,

वो थे पापा…

.

सपने

तो मेरे थे

पर उन्हें

पूरा करने का

रास्ता

कोई और

बताऐ

जा रहा था ,

वो थे पापा…

.

मैं तो

सिर्फ

अपनी

खुशियों में

हँसता हूँ,

पर

मेरी हँसी

देख कर

कोई

अपने गम

भुलाऐ

जा रहा था ,

वो थे पापा…

.

फल

खाने की

ज्यादा

जरूरत तो

उन्हें थी,

पर

कोई मुझे

सेब

खिलाए

जा रहा था ,

वो थे पापा…

.

खुश तो

मुझे होना चाहिए

कि

वो मुझे मिले ,

पर

मेरे

जन्म लेने की

खुशी

कोई और

मनाए

जा रहा था ,

वो थे पापा…

.

ये दुनिया

पैसों से

चलती है

पर

कोई

सिर्फ मेरे लिए

पैसे

कमाए

जा रहा था ,

वो थे पापा…

.

घर में सब

अपना प्यार

दिखाते हैं

पर

कोई

बिना दिखाऐ भी

इतना प्यार

किए

जा रहा था ,

वो थे पापा…

.

पेड़ तो

अपना फल

खा नही सकते

इसलिए

हमें देते हैं…

पर

कोई

अपना पेट

खाली रखकर भी

मेरा पेट

भरे जा रहा था ,

वो थे पापा…

.

मैं तो

नौकरी के लिए

घर से बाहर

जाने पर

दुखी था

पर

मुझसे भी

अधिक

आंसू

कोई और

बहाए

जा रहा था ,

वो थे पापा…

.

मैं

अपने

“बेटा ” शब्द को

सार्थक

बना सका

या नही..

पता नहीं…

पर

कोई

बिना स्वार्थ के

अपने

“पिता” शब्द को

सार्थक

बनाए

जा रहा था ,

वो थे पापा…

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सके॥




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