सुभाष सिंह ‘सुमन’ जी लिखते हैं :-
वो हिज़ाब पर प्रतिबंध को स्वतंत्रता का हनन बताते हैं और घूँघट से उनको नारी क़ैद होते दिखती है. चार्ली हेब्दो के कार्टून उन्हें बेहूदा दिखते हैं और हुसैन की पेंटिंग रचनात्मक. मंदिरों में दिये दान को वो बर्बादी बताते हैं मगर ज़क़ात के लिए उनके पास तर्क होते हैं. अब मान भी लीजिए, कि ये तालिबानी नस्ल की हरम में पैदा हुवे उदारवादी हैं.
from Tumblr http://ift.tt/1BKyGZC
via IFTTT
No comments:
Post a Comment