ओउम् तनूपाsअग्नेsसि तन्वंम्मे पाह्यायुर्दा अग्नेsस्यायुर्मे देहि |
वर्चोदाsअग्नेसि वर्चो मे देहि अग्ने यन्मे तन्वाsऊनंतन्मेsआ पृण ||
[यजुर्वेद , 3 / 17 ]
हे सर्वरक्षक परमात्मा , आप हमारे शरीर का रक्षण , पालन करके हमको पूर्ण आयु दो , मुझको सर्वोत्कृष्ट विद्या और तेज दो , मेरे शरीर में जो भी कुछ न्यून या अधिक हो उसको यथायोग्य बनाकर पूर्णानन्द दो , आप सांसारिक सुख और मोक्ष सुख के लिए समर्थ करो , पिता सामान आपका आशीर्वाद मुझे मिलता रहे |
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