क्या होता है लड़कियों का खतना और क्यूँ होता है..!!! महिलाओं के ख़तने में महिला जननांगों के क्लिटोरिस का हिस्सा काट दिया जाता है या यदि बर्बर रूप से बयां किया जाए तो महिला जननांग का बाहर रहनेवाला सारा हिस्सा काट दिया जाता है और मात्र मूत्रत्याग और रजोस्राव के लिए छोटा द्वार छोड़ दिया जाता है. ऐसे में लड़कियों का खतना करते समय कई बार जटिलता की वजह से मौते भी हो जाती है. लेकिन दर्द और भय का डर यहीं खत्म नही होता.लड़कियों का खतना होने के बाद उसे जीवन भर संभोग करते समय और बच्चे पैसा करते समय भयानक पीडा से गुजरना पड़ता है जिसकी कल्पना मात्र से ही आपकी रुह कांप उठेगी.लड़कियों का खतना करने के पीछे की मानसिकता यह है कि इससे महिलाओं में विवाह पूर्व संबंध बनाने की इच्छा खत्म होगी. अब जब मात्र पति से संभोग करने में बच्चा पैदा करने से भी ज्यादा दर्द हो तो कौन भला पराए मर्द पर नजरे जडाए. पुरुषवादी समाज का यह स्त्रियों पर सबसे बड़ा अत्याचार माना जा सकता है. खतने के दौरान जो दर्द मासूम बच्चों को होता है उसे धार्मिक अनुष्ठान या धार्मिक क्रिया-कर्म का नाम देना गलत है. लोगों को समझना होगा कि अब हम एक नए युग में जी रहे हैं. जहां तक बात रही साफ-सफाई की तो खतना से कोई खास फर्क नहीं पड़ता और महिलाओं का तो खतना होना ही नहीं चाहिए. जो समुदाय अपने पर्व पर गायों और अन्य पशुओं को मारकर खाए, जो महिलाओं को पर्दे में रहने का आदेश जारी करें, जो खतना जैसी अमानवीय कृत्य का समर्थक हो वह कभी इंसानियत का दोस्त नहीं हो सकता. और अंत में सबसे महत्वपूर्ण बात खतना का जिक्र कुरान में है ही नहीं फिर किस आधार पर इस्लाम ने इस क्रुर प्रकिया को अपना रखा है.
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