“बडे धार्मिक स्वयं को दर्शाते हे हम
लेकिन सत्य कुछ अलग हे
जेसे की हवन,संध्या,सत्याचरण,प्राणायाम, ध्यान,वेद मंत्र ये जो धर्म का मुख्यकारण हे वः तो हमे आता नहि और क्रिश्चन व् मुस्लिम को देखे एक ही प्रकार से यहा और विदेश में एक ही प्रद्धती से पूजा करते हे एक इश्वर एक पूजा प्रद्धती एक ध्वज जो वेदो (वेदों अखिलो धर्म मूल) में दर्शाया हे उस के बिना कभी ये महान तपस्वी श्रीराम चंद्र जी व् योगिराज कृष्ण चंद्र जी के वंशजो में एकता संभव नही
क्षणभर चिंतन करे जिनका चक्रवर्ती (समग्र पृथ्वी ) राज था वे आज सिकुड़ के भारत के अंदर भी कुछ विस्तार में लघुमती में आ गीरे हे वह कोनसा कारण हे वह कोनसा कारण हे
चलो वेदों की और
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय हो”
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लेकिन सत्य कुछ अलग हे
जेसे की हवन,संध्या,सत्याचरण,प्राणायाम, ध्यान,वेद मंत्र ये जो धर्म का मुख्यकारण हे वः तो हमे आता नहि और क्रिश्चन व् मुस्लिम को देखे एक ही प्रकार से यहा और विदेश में एक ही प्रद्धती से पूजा करते हे एक इश्वर एक पूजा प्रद्धती एक ध्वज जो वेदो (वेदों अखिलो धर्म मूल) में दर्शाया हे उस के बिना कभी ये महान तपस्वी श्रीराम चंद्र जी व् योगिराज कृष्ण चंद्र जी के वंशजो में एकता संभव नही
क्षणभर चिंतन करे जिनका चक्रवर्ती (समग्र पृथ्वी ) राज था वे आज सिकुड़ के भारत के अंदर भी कुछ विस्तार में लघुमती में आ गीरे हे वह कोनसा कारण हे वह कोनसा कारण हे
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