आज का सुविचार (8 अप्रैल 2016, शुक्रवार, वैशाख शुक्ल प्रतिपदा)
ब्राह्मण पुस्तकों में बहुत से ऋषि-महर्षि और राजा आदि के इतिहास लिखे हैं। और इतिहास जिसका हो उसके जन्म के पश्चात् लिखा जाता है। वह ग्रन्थ भी उसके जन्म के पश्चात् होता है। वेदों में किसी का इतिहास नहीं, किन्तु जिस-जिस शब्द से विद्या का बोध होवे उस-उस शब्द का प्रयोग किया है। किसी विशेष मनुष्य की संज्ञा वा विशेष कथा का प्रसंग वेदों में नहीं है। (~महर्षि दयानन्द सरस्वती)
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