आपने किसी ओवैसी, आज़म या बुखारी को इस बहादुर देशभक्त अधिकारी मोहम्मद तंज़िल अहमद की निर्मम हत्या पर बयान सुना क्या ?
क्योंकि मोहम्मद तंज़िल अहमद न तो अफ़ज़ल थे और न ही याक़ूब | कोई सेक्युलर ब्रिगेड मातम नहीं मनाएगी | इस साहसी अधिकारी के बारे में थोड़ी सी जानकारी लीजिए आपको समझ आ जाएगा की आतंकियों ने 30 गोली मारकर क्यों हत्या की |
क) इंडियन मुजाहिद्दीन के चीफ यासिन भटकल की गिरफ्तारी में थी मुख्य भूमिका |
ख) पश्चिमी यूपी में इंडियन मुजाहिद्दीन के स्लीपर सेल की कमर तोड़ दी थी |
ग) पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस्लामिक स्टेट के स्लीपर सेल का भंडाफोड़ किया था |
घ) ‘स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया’ (SIMI) के स्लीपर सेल की कमर तोड़ दी थी |
ङ) BSF के तेज तर्रार अधिकारी थे तंज़िल अहमद इसी वज़ह से प्रतिनियुक्ति (Deputation) पर NIA में हुए थे शामिल |
च) पठानकोट हमले की जांच के लिए आई पाकिस्तानी SIT को तर्कों से पाकिस्तान की संलिप्तता स्वीकार करने पर बाध्य किया था |
अब ये हमारा कर्तव्य है की इस देशभक्त की बहादुरी देश तक पहुचाएं अन्यथा अफ़ज़ल प्रेमी मीडिया, सेकुलर नेता और लोग इनकी बहादुरी को इतिहास में दफ़न कर देंगे | पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें |
देशभक्त तंज़िल अहमद के बलिदान को अश्रपूर्ण श्रद्धांजली |
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