।।ओ३म् ।।कृण्वन्तो विश्वमार्य।। www.aaryaveercampus.edu.in
ओ३म्
उद्यानं ते पुरूष नावयानम् || (अथर्व• ८/१/६)
हे मनुष्यो ! ऊपर उठो, आगे बढ़ो, उन्नति करो, नीचे मत गिरो, पतन की ओर मत जाओ ।
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