|१८| ऋषि सन्देश |१८|
“जो बलवान् होकर निर्बलों की रक्षा करता है वही मनुष्य कहाता है और जो स्वार्थवश होकर परहानि मात्र करता रहता है, वह जानो पशुओं का भी बड़ा भाई है ||”
~०~ स्वामी दयानन्द सरस्वती (सत्यार्थ प्रकाश भूमिका)
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