|११| ऋषि सन्देश |११|
“जो विद्या को न पढ़ और न किसी विद्वान् का उपदेश न सुनकर बड़ा घमण्डी, दरिद्र होकर बड़े बड़े कामों की इच्छा करनेहारा और विना परिश्रम के पदार्थों की प्राप्ति में उत्साही होता है, उसी मनुष्य को विद्वान् लोग ‘मूर्ख’ कहते हैं ||”
—स्वामी दयानन्द सरस्वती (व्यवहारभानुः)
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