।।आर्य सत्य।।
कुछ सवालों के जवाब जो अम्बेदकर बाबा के प्रशंसको को देने होंगे :-
@ मैंने अपने अबतक के जीवन में कहीं पर भी सती प्रथा नहीं देखी ।
@ मैंने अपने जीवन में अबतक किसी मंदिर में देव दासी प्रथा नहीं देखी ।
@ मैंने अपने तक के जीवन में कहीं पर भी किसी को चोरी करने पर उसके हाथ काटे जाते नहीं देखे ।
@ मैंने किसी को भी राजद्रोह के आरोप में उसका सिर काटा नहीं देखा जाता ।
@ मैंने अबतक के किसी देशद्रोही के जीब काटी नहीं देखी ।
@ मैंने अबतक किसी शूद्र को एक गुना और ब्राह्मण को ६४ गुना दंड मिलता नहीं सुना ।
@ मैंने अबतक स्त्रीयों से शिक्षा अधिकार छिनते हुए नहीं सुना ।
@ मैंने अबतक के जीवन में किसी से मैला उठाने को नहीं कहा ।
@ मैंने अबतक हर दंड में संविधान की धाराएँ ही लगती सुनी हैं कहीं पर मनु के श्लोकों को लगते नहीं सुना ।
@ मैंने भारत में भीमराव अम्बेदकर के संविधान के इलावा मनुस्मृति को लागू होते नहीं देखा ।
@ मैंने अबतक किसी ऐसे व्यक्ति को नहीं देखा जो मनुवाद की परिभाषा दे सके ।
@ मैंने भारत में जन्म लिया है मेरे सभी पूर्वज भारत मे ही हैं तो मैं कैसे विदेशी हो गया या मूल निवासी न हुआ ?
@ इतिहास साक्षी है कि मेरा सत्य सनातन वैदिकधर्म भारत में फला फूला और भारत से बाहर तक रहा तो कैसे मान लूँ कि मेरा धर्म विदेशी ईरानियों का है ?
@ मैं कैसे ये मान लूँ कि अरब की रेत पर जन्मा इस्लाम या उसके बाशिंदे भारत के मूलनिवासी हैं ?
@ मैं कैसे मान लूँ कि युरोप से निकला ईसाईयत या उसके बाशिंदे मूलनिवासी हैं ?
@ मैं कैसे मान लूँ कि जो राष्ट्रवाद की बात करे वो मनुवादी है और जो राष्ट्र को तोड़ने की बात कहे वो मूल निवासी है ?
तो बताओ मैं कैसे मान लूँ कि भारत में मनुवाद का ज़ोर है ? या तुम किसको मनुवाद कहते हो ?
।।ओ३म।।
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