आपस में अनेक प्रकार के व्यवहार होते रहते हैं । कभी आप किसी पर गुस्सा करते हैं , कभी कोई दूसरा आप पर गुस्सा करता है ।
जैसीभी परिस्थिति हो, जब कोई दूसरा आपके साथ दुर्व्यवहार करे , तो उसकी प्रतिक्रिया करने से पहले , कुछ उसकी परिस्थिति को भी समझ लेना चाहिए ।
अनेक बार आप उसकी परिस्थिति समझकर, उसकी मजबूरी जानकर, आप उस पर गुस्सा नहीं करेंगे । और एक नया अपराध करने से बच जाएंगे ।
इसलिए कभी भी जल्दबाजी ना करें । शांति से सोच-समझकर काम करें। आप जीवन में प्रसन्न और आनंदित रहेंगे। यदि बिना सोचे समझे काम करेंगे, तो बाद में पछताएंगे। -स्वामी विवेकानंद परिव्राजक।
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