जो व्यक्ति यज्ञ नहीं करता अर्थात शुभ कर्मों का आचरण नहीं करता , तो वह कुछ ना कुछ तो करेगा, खाली तो सारा दिन कोई बैठ नहीं सकता।
यदि शुभ कर्म नहीं करेगा। तो अशुभ कर्म करेगा। यदि अशुभ कर्म करेगा, तो सदा दुखी, खिन्न, परेशान, और भयभीत भी रहेगा
ही। यदि अशुभ कर्म करेगा तो समाज में उसकी प्रतिष्ठा भी नष्ट हो जाएगी, उसका प्रभाव समाप्त हो जाएगा लोग उसे अच्छी दृष्टि से नहीं देखेंगे। मूर्ख और दुष्ट व्यक्ति के रूप में देखेंगे । इसलिए बुद्धिमान व्यक्ति को चाहिए कि वह सदा अच्छे ही काम करता रहे तथा जिस से समाज में परिवार में उसका उत्तम प्रभाव बना रहे। -स्वामी विवेकानंद परिव्राजक।
from Tumblr https://ift.tt/2pOEAZC
via IFTTT
No comments:
Post a Comment