संसार में कुछ अच्छे लोग भी हैं और कुछ दुष्ट भी हैं। अच्छे लोगों को सदा प्रोत्साहन देना चाहिए, उनका उत्साह बढ़ाना चाहिए , ताकि संसार में अच्छाई का प्रचार अधिक हो ।
मूर्ख और दुष्ट लोगों से बचकर रहना चाहिए। उनको समर्थन सहयोग प्रोत्साहन नहीं देना चाहिए। अन्यथा संसार में बुराई और दुष्टता का प्रचार बढ़ेगा ।
तो प्रत्येक व्यक्ति का परीक्षण करें , बुद्धिमत्ता और प्रमाणों से परीक्षण करें । व्यवहार के परीक्षण से सब का पता चल जाता है , कि कौन कितना ईमानदार सज्जन है अथवा मूर्ख और दुष्ट है । इस प्रकार परीक्षा करके यथायोग्य व्यवहार करें। अच्छे लोगों को प्रोत्साहन दें , दुष्टों को नहीं। -स्वामी विवेकानंद परिव्राजक।
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