जीवन में बहुत सारे कार्य करने पड़ते हैं । अपने भी,घर के भी, बाहर के भी, नौकरी व्यापार के भी, समाज सेवा के भी , और भी अनेक कार्य होते हैं । इन सब कार्यों को संपन्न करने के लिए शक्ति की आवश्यकता होती है । यदि शरीर में मन में आत्मा में बल हो तो व्यक्ति सब कार्यों को आसानी से पूरा कर लेता है ।
यदि शरीर में शक्ति कम हो मन में उत्साह कम हो आत्मा में कोई बल ना हो कोई जोश ना हो , तो उसे कार्यों को संपन्न करने में कठिनाई होती है । इसलिए अपने शरीर मन आत्मा सब को बलवान बनाएं। इसके लिए प्रतिदिन व्यायाम करें , अपनी दिनचर्या ठीक रखें, सात्विक शाकाहारी भोजन खाएं , ईश्वर का ध्यान करें, प्रतिदिन यज्ञ करें , इस प्रकार से शक्ति प्राप्त करें और जीवन को आनंद से जिएं। - स्वामी विवेकानंद परिव्राजक।
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