हम भी मान लेते कि आंतक का कोई ‘धर्म’ नहीं होता यदि इन पकडे गए 6 आंतकियों में कोई हिन्दू, सिख, जैनी, पारसी या फिर कोई ईसाई होता, मगर अफ़सोस कि हमेशा ही पकडे गए आंतकियों में एक समुदाय विशेष के अलावा बाकी सारे समुदाय नदारद रहते हैं, फिर कैसे मान लिया जाए कि आंतक का कोई ध्रर्म नहीं होता? हाँ ये बात अलग है कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता ये बातें बार- बार छाती कूटकर ‘सेक्युक्लरों’ की दुकानें तो चल सकती हैं, मगर असल जीवन में इन बातों पर कोई विस्वास नहीं करता और लोग इन बातों पर हँसते हैं कि हहाहाहाहा आंतक का कोई धर्म नहीं होता।। मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि जब तक समुदाय विशेष की किताबों में पढ़ाया जाता रहेगा कि आंतकी बनो लोगों को मारो तो तुम्हें ऊपर वाला ‘जन्नत’ के साथ- साथ हवस पूर्ति हेतु ‘७२ हूरें’ भी अता फरमाएगा जब तक दुनिया से आतंक खत्म नहीं होगा क्योंकि आतंकी अपने धर्म से जुड़े होते हैं और वही करते हैं जो उन्होंने बचपन से अपनी किताबों में पढ़ा होता है।। सबसे अहम बात ये कि भारत में तो ‘वोट बैंक’ की वजह से ये बातें सुनने को मिलती रहती हैं कि ‘आंतक का कोई धर्म नहीं होता’, मगर भारत को छोड़कर दुनिया के सभी देशों में ये बातें बहुत पहले ही दम तोड़ चुकी हैं कि आंतक का कोई धर्म नहीं होता, इसलिए वे देश समुदाय विशेष के प्रति बेहद कड़े कानून बना चुके हैं व सख्ती से उन नियमों पालन भी करते हैं, इसलिए आज वे देश #शांतिदूतों के आतंक से सुरक्षित हैं।। आप मित्रों का क्या कहना है? शेयर करें, जय हिन्द, जय भारत।। #BangloreBlast
dharmendar vaishnav
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