शब्द एक शोधो त्यां सहिंता निकडे
कुवो खोदो तो आखी सरिता निकडे ।
हजु जो जनक जेवा आवी हल हांके
तो हजी आ धरती मांथी सीता निकडे ।
हजी धबके छे क्यांक लक्ष्मण रेखा
के रावण जेवा त्यांथि बिता-बिता निकडे ।
छे कालिदास ने भोज ना खंडेरो
जरिक खोंतरो त्यां कविता निकडे ।
छे कृष्ण नी वांशडी ना ऐ कटका
के होठे मांडो तो सुर-सरिता निकडे
साव अलग ज तासीर छे आ भुमी नी
के महाभारत वावो तो गीता निकडे
दत्त जोगी जोवानी जो कुंक लिगे तो
हजु धुणा तप ना धखिता निकडे
दाद आम तो नगर छे साव अजाण्यु
तोय कोक खुणे ओडखिता निकडे
- good morning
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