यह समझना आवश्यक है की पूजा मूल शक्ति पुंज अर्थात ईश्वर की हो। वैदिक संस्कृति में मृतक की गति करायी जाती है। गति यानी मृतक की आत्मा तत्व को परमेश्वर से मिलाने की प्रार्थना। उस मृतक आत्मा से किसी प्रकार का भौतिक सुख नही माँगा जाता, बल्कि उसकी मुक्ति मांगी जाती है।
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