भारत से बौद्ध धर्म लुप्त होने के कारण-
भारत से बुद्ध धर्म के नष्ट होने के कारणों में एक तो उसके प्रति हिंसात्मक कार्यवाई थी जो कुल्लुक भट्ट, शुङ्ग मित्र, आदि शंकराचार्य , सुन्धावा आदि द्वारा किया गया तो दूसरी तरफ शत्रुओ द्वारा बौद्ध धर्म को आन्तरिक रूप से कई फाड़ करना भी रहा ।
महायान मत का उदय करना एक ऐसी ही सफल कोशिश रही, महायान मत का उदय अश्वघोष जैसे शक वंशी ब्राह्मण बौद्धों के प्रयत्नों का प्रतिफल था जिन्होंने बौद्ध धर्म स्वीकार तो कर लिया था पर अन्दर से उसका ब्रह्मनिकरण करना चाहते थे।
महायान मत प्रारम्भिक बौद्ध धर्म से उतना ही भिन्न था जितना की मध्यकालीन इसाई धर्म अपने शुरुआती इसाई धर्म के सरल सिद्धांतो से भिन्न था ।
जब बौद्ध धर्म शको या और बाहरी लोगो द्वारा अपना लिया गया तो इसका मूल रूप विलुप्त हो गया और मूल जनमानस से दूर होता चला गया ।
महायानियो ने ही मध्यकाल में भागवत धर्म और शैव धर्म का प्रचार किया।
बुद्ध की शिक्षाए-
1- तुम अपने दीपक स्वयं बनो
2- अपने शरण्य आप बनो
3-बुद्ध धर्म में बुद्ध केवल शास्ता है
4- अपने निर्वाण का प्रयत्न तुम स्वयं करो
महायान पंथ में -
1- भक्ति को स्थान दिया
2- एक करुणामय उपास्य देवता की कृपा पर जोर दिया गया
3- बुद्ध को देवता का स्थान दे दिया गया
4- बुद्ध को परमात्मा समझा जाने लगा और उनकी मूर्ति बना के लोगो में उनकी पूजा आरंभ करवाई
5- बुद्ध को अवतार घोषित किया गया और अप्सराओ द्वारा घिरा दिखाया के भित्ति चित्र बनाये।
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