Monday, July 20, 2015

६ श्रावण 21 जुलाई 15 😶 “ज्ञानी भक्त और विषयासक्त ! ” 🌞 🔥🔥 ओ३म् यो अस्मै...

६ श्रावण 21 जुलाई 15

😶 “ज्ञानी भक्त और विषयासक्त ! ” 🌞

🔥🔥 ओ३म् यो अस्मै घ्रंस उत वा य ऊधनि सोमं सुनोति भवति द्युमाँ अह। 🔥🔥
🍃🍂 अपाप शक्रस्ततनुष्टिमूहति तनूशुभ्रं मघवा य: कवासख:।। 🍂🍃
ऋ० ५ । ३४ । ३

शब्दार्थ:- जो दिन होवे या रात सदैव ही जो इस परमेश्वर के लिए ज्ञानपूर्वक भक्ति में रहता है, यजन करता है वह निश्चय से तेजस्वी हो जाता है और इसके विपरीत विषयों में दिनों-दिन फँसते जानेवाले को, स्वार्थरत, अजयनशील को, शरीर की सजावट-बनावट में लगे रहने वाले को और जो बुरी संगत में रहने वाला है, जिसके कि यार-दोस्त कुत्सित-कर्मा लोग हैं, उस पुरुष को भी सर्वशक्तिमान ऐश्वर्य वाला इंद्रदेव मिटा देता है, विनाश कर देता है।

विनय:- मैं इन दो प्रकार के आदमियों में से कौन-सा हूँ? क्या मुझे दिन-रात भगवान् के भजन में मस्त रहने में मज़ा आता है? क्या मैं चौबीस घण्टे उसके भजन में लीन रहता हूँ। चौबीस घण्टे न सही, क्या मैं दिन-रात में से एक घण्टा भी भगवान् के प्रति अपना हार्दिक प्रेमरस पहुँचाने में बिताता हूँ? अथवा मैं ‘ततनुष्टि’ हूँ? दिन-रात विषयों में फँसा रहता हूँ? न खत्म होनेवाले विषयों की तृप्ति में लगा रहता हूँ? स्वार्थ के लिए धन कमाने की फ़िक्र में और धन के लिए दूसरों के क्लेशों की कुछ परवाह न करके और धोखा-फरेब भी करके उनके चूसने कि नाना नयी-नयी तरकीबें सोचने और करने की फ़िक्र में तो कहीं मेरे दिन-रात नहीं बीतते हैं? क्या अपने शरीर की शोभा बढ़ाने, सँवारने में ही जीवन के अमूल्य समय के प्रतिदिन कई घण्टे मैं नहीं खो रहा हूँ? क्या मैंने अपने अन्दर के मानसिक शरीर को भी बलवान्, स्वच्छ और सुन्दर (पवित्र) करने का भी यत्न किया है? इसके लिए समय दिया है? मेरे साथी-संगी कैसे लोग हैं? कहीं मेरे इर्द-गिर्द बुरे आचरण वाले लोग तो इकट्ठे नहीं हो गये हैं? कहीं मैं कुत्सित कर्म करने वाले दुष्ट मनुष्यों से मिलने-जुलने में आनन्द तो नहीं पाता हूँ? ओह, उस सर्वशक्तिमान्-इंद्र के नियम अटल हैं, मैं जैसा करूँगा वैसा ही मुझे भरना पड़ेगा। मैं तेजस्वी बनूँगा या मेरा विनाश होगा? भगवान् तो दिन-रात सोम-सवन करने वालों को तेजस्वी बना रहा है और विषय-ग्रस्त पुरुषों का नाश कर रहा है।
🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂
ओ३म् का झंडा 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
……………..ऊँचा रहे

🐚🐚🐚 वैदिक विनय से 🐚🐚🐚


from Tumblr http://ift.tt/1MEvTow
via IFTTT

No comments:

Post a Comment