Thursday, July 2, 2015

समस्त आर्यव्रतना भरत खंडे वसता चारण कवियो द्वारा सनातन धर्मना आदि अनादि देव एवा भगवान शिव नी चारण...

समस्त आर्यव्रतना भरत खंडे वसता चारण कवियो द्वारा सनातन धर्मना आदि अनादि देव एवा भगवान शिव नी चारण भाषा ना डिंगळ छन्दोमा अने ते पण १५ मी सदीना महान चारण भकत कवि महात्मा इशरदास जी थी लइने २१ मी सदिना महान चारण संत पूज्य पालु भकत सुधिना आ ७०० वरस मा रचायेल चारण भाषा साहित्य संस्कृति नो
विश्वनो सर्व प्रथम ग्रंथ ……

“ चारणी शिव महिमा गान ”
|| शिव सुयश ||

स्तुति या रचना हेंडीग ओर कर्ता चारण कवि

ये लिस्टमें ना हो एसी काव्य कृति मुजे भेजीये..


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१५१५-१६२२= इसरदाश बारहठ

परम प्रकास
शिव समाधी
आपण शिव
गंगावतण
हर हर गंगा

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१५५०-१६५०=हरदास मिसण

भृंगी पुराण
जालंधर पुराण
हररस
पारवती जास प्रिय
हो हर ह्न्दी पूजन हार
हर मुख नमख

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१६१०=केशोदास गाडण

आदेश ईशम जय महेसम
जडधार रूप अपार जोगी
धणी त्रिनयनम गंगा धरयम

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१६४७=नरहरदास बारहठ

लशे शिश गंगा
शिव देव नमामि
वृषभ को वाहन
गंगा अवतण
सतत्त शरण त्व हेत

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१६३०=किसनाजी दुरसाजी आढा

म्हादेव पारवती रि वेलि

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१७०४=करणीदान कविया

शिश गंग धारंग शिव

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१८१५=गोपालदान कविया

जय व्योमकेश महेश

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१८२८=बांकीदास आशिया

गंगा लहरी

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१८००=संभूपूरी महात्मा

शेल श्रुंग सम विशाल

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१८३८=मुरारिदान मिसण

गिरिजा पति महादेव


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१८०१=स्वरुपदास था
इक di वस रूद्र
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१८२६=गणेशपूर रहडीया

पिनो हर हाला को

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१८२८=लाडुदान आशीया (ब्रह्मानंद)

मगन हमेशा माहेसा
जागरा अधिश रूद्र

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१८२४=सकदन सामोर

छाज धार जटामें

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१८७२=सूर्यमल्लजी मिसण

जय जय महेश संकर जडाल

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१७५०=आईदान गाडण

भवानि संकर रो शिव पुराण

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१८२२=किसनाजी दुल्हाजी आढा

१० रचना(भीम विलासे)

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१९५५=सम्भूदान गाडण

विसालम विभूति शिवं

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१८२६=बुधसिंह सिंहढायच

शिव संकर असरण सरण
जटा उपरे बिराजे गंगा
गंगाजी रा दोहा

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१९१५=नवलदान आशीया

चिदानंद सम्भू
सर्वोदय सिंधांत

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१९०२=बलवंतसिंह पालावत

चन्द्रचूर चमत्कार
नमो मुंडमाली

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१९६१=यशकरण खीडीया

शिव महिमा
एसे अनुप शिव
हर के बिन को
शिव दोहावली

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१९१५=धनदान लाळस

शिव के रह संगा

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१६००=हरनाथ चारण

पशुपति सम्भू परब्रह्म

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१८७५=उदयराम बारहठ

संकर हर श्री कंठ
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१८००=हरिसिंह खिडीया.

भूषण पिनंग आरोहण भंग

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१६५०=गुलजी(गुलाबदान)आढा

शिव कहियो धारियो सुवा.

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१५५०=कर्मसिंह आशीया

हर तु केम करामत हाक

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१९५०=समरथदान चारण

नमो नमो रुप थारो पार्वतीनाथ

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१८५०=मुरारिदान आशीया

वाघाम्बर भूतेसर

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१९५८=मोहनसिंह रतनू

गंग रा धरण वान्संगरा गलधर

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१५४०=अलुनाथ कविया

शिव शेस सुखम सहित

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१८५०=विसनदान बोगसा

गंगधर गंगधर

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१९०९=जसकरण रतनू

म्हादेव भवानि केलासके
म्हादेव नितं चित हितं
गरल कंठ धारी
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१९२०=व्रजलाल कविया

रचा गुण तूज तणो त्रिपुरार

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१८५०=उदेदान देथा

समिया कपालेस्वर देव चन्द्रेस्वर

*********** १९४०=सकतीदान जी कविया

छप्पय -शिव पंचक

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१९७२=हमीरदान सोदा

विविध-माही महिमा

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१९७०=गिरधरदान रतनू-दासोडी

त्रिभंगी-नमो नंदेस्वर नटवेसर

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१९८०=सामलदान म्हेडू

कवित-मुंडन कि माला वाला

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१९३८=गोविंददान बारहठ-नाथूशर

नाराच-नमो महेश शंकरेस

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१९४२=अम्बादान देवल

विविध-अमरनाथ यात्रा महिमा

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१९५७=विसनदान खिडीया

रोमकंद-सुमरे मन संकर
रोमकंद-उमियावर देव

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१७५०=मुरारिदान बारहठ

सुपंखरो-पारबत्ती जास प्रिय

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१७३०=कान्हाजी आढा

विविध-महा रूद्रजी रा छंद

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१८५०=पदमजी चारण

शिव स्तुति

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१९५६=जयसिंह सिंहढायच

मोतीदाम-नमो शिव संकर

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१७७०=लांगीदास महेडू

विविध-ओखाहरण

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१८५०=रामचंद्र मोड

रेणकी-भुतेस भवेसर.

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१८७५=भीमजी-ने खोडाभाई सिंहढायच
(पुत्र-पिता)

कवित-शिव पच्चीसी

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१८८३-रविराज सिंहढायच

कवित-नर्मदाके कंकर संकर

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१८५०-जीवाभाई महेडू-हंसराज

भुजंग प्रयात-दयाधिस इसम नमो

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१७४०=हमिरजी रतनू

दोहा-शिव नाम स्तुति

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१८६६=व्रजमालजी महेडू

कवित-काशी यात्रा वर्णण

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१९०५=रणछोडदान रतनू

चर्चरि=अजरं अकलं इस

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१९१०= मुळूभाई रतनू

रेणकी=जियो दत्तारं जडधारमं

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१८३०=कानदास महेडू

त्रिभंगी-विस्वेसर काशी

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१८५०=पाताभाई मुळूभाई नरेला

विविध-गंगा माहात्म्य

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१९१२=पिंगलशी पाताभाई नरेला

चर्चरी-भजहुं मन भीमनाथ
भुजंगी-महाब्लेस्वर देव देवं
भुजंगी-नमो भूतनाथं

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१९२६=हमीरजी खडीया

भुजंगी-हरो कस्ट त्रिलोक नाथं

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१९१५=देविदान देथा

कवित-सुखकारी त्रिपुरारि हे

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१९०८=भीमजीभाई रतनू

कवित-संकर मतवालने

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१८७०=जीवनदान जीबा

बिन्दूमाल-शिष पे जटा बिसाल
सारसी-जयति हर सच्चा धणी
भुजंगी-सबे देव के देव
हरीगीत-नाथ सम्भू नमामियं

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१९०५=दोलतदान बाटी

रेणकी-काल व्याल नही ज्वाळ
बोधक-कंठमें काल कुटं अपि
नाराच-जडेस्वर महादेव प्रागटय महिमा
सवइया-जय संकर दीन दयाल
हरिगीत-लाभ जण लोटेस्वरा
विविध-शिव सुशोभा वर्णण
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१९३५-ठारणभाई महेडू

९ रचना

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१० रचना

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१९५९=जेतदान बाटी

भुजंगी -महा गंग शिशं गले मुंडमालं

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१९०३=दुला भाया काग

दुर्मिला-काम प्रजाळण नाच करे

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१९५०=प्रभुदान बोक्षा

सारसी-जय त्रिनयनं जय हरं
रूपमुकुंद-जय इस जटाधर भुतपति

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१९१०=शिवदान बोक्षा

त्रिभंगी- महर नजर कर माहेसर
रेणकी-अदभूत गति नाच

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१९२४=कानजीभाई लांगडीया

रेणकी-काल रुप बिक्राल करे
त्रिभंगी- जय माहेशं जय माहेशं
भूजंगी-भवनाथ भुतेश
छपप्य- झटके शिव शिर झटा

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१९६३=थार्या माणसी जसाणी

रेणकी -शोभत शिव कयलाश
********* १९६५=जयमलदान पायक

रेणकी -संकर शर लटकत
भुजंगी -भावेशा भावेशा

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१९२८ = श्री महेशदानजी मिशण

चरचरी-गण सह नटराज राज
रेणकी-हिमगीरि पर हर नृत्य करे
चरचरी-जय जय जय निलकंठ शंकर स्वामी
रेणकी-जय जय धुर्जटी धवल वरं

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१९४८ = श्री देवीदानजी सामळ

कवित-भोलेनाथ भकत हित कारण

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१९२४=मेकरणभाई लीला

हरिगीत-अळ उपरे उमापती

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१८९०=वदनसिंह कळहठ

रुपमुकुंद-बाळाराम बियो किवळाश

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१९२८=गोपालदान खिडीया

छपप्य-जय जय जय भुतेश हर
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१९५६=प्रदिपभाई रोहडीया

गीत-शिवने भजो जीव दीन रात

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१९६२=हरदास वाा
रभग - खारेस्वर खासा पुरो आसा

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१९१४=पिंगलशीभाई लीला


मोतीदाम-नमो कईलास निवास
हरिगीत-शावण मासे करोसमरण
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१९३०=प्रभुदान रोहडीया

त्रिभंगी-परं सुखं कर परमेस्वर

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१९५७=चारण संत पालुभगत

रेणकी-संकर अघहर सहाय करे
हरिगीत-अविलंब संकर आवजो

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१९३७=जीतूदान टापरीया

विविध-चारणी शिव महिम्न
हनुफाल-जय जय महेश जय
त्रिभंगी-भव दख भंजण भूतनाथा
हरिगीत-जय जयति जय जडेस्वरा

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१९३६=तखतदान रोहडीया(दान अलगारी )

गीत-आरती-दातारेस्वर देव भोळीया

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१९४०=दादूदान मिसण -दाद

नमु सोमनाथ जियो सोमनाथ

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१९२१= हरीसिंह महेडू -हरियंद

त्रोटक-जय जयति सदाशिव
मोतिदाम- द्वादस ज्योतीर्लिंग
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१९३३=नारणदान सुरू

११-रचना

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१९२५ = श्री रामदान जेठीदान रोहडिया

हरिगीत > भाळ्या न शंभु भूवनमा

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१९०९= श्री शिवदानजी ओघडदानजी बाटी

भुजंगी > उच्चारू सहाये सदाशिव आवो
हरिगीत> हर नमो हर दु:ख हरा

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१९८७ = श्री विजयभा हरदासभा बाटी

त्रिभंगी- शिव अगम अनंता निगम नियंता
त्रिभंगी- जय रुद्र भयंकर हे प्रलयंकर
कवित -जटा जुट गंगा झर
नाराच- म कार शिव रंजणो
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जोरुदानजी कनुदानजी कुचाळा

मधुभार• जय जटाजुट कंठ कालकुट

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१९६७ = श्री विरमभाई खेराजभाई वाचा

त्रिभंगी• शिव सुहानो उर भायो
चरचरी• शंभु संतत अमाप
त्रिभंगी• जय जय त्रिपुरारी

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१९५९=श्री लाखणशीभाई भीमभाई खळेल

अर्ध नाराच• उमा महेश ओमकारा
दोमळीया• दातारेश्वर देवाय

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१९४५=डुंगरदान आशीया

त्रिभंगी-संकर सुरेसर भव भुतेसर

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१९८१=जोगीदान चडीया

त्रिभंगी -नमःहर शिव संकर

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१९५९=आशपारभाई मशुरा

चरचरी-सुंदर योगी सरूप
हरिगीत- धूर्जटी दया धारीये
कवित -रटते हे शिव शिव

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1962=भवरदान विठू

नाराच-अमरनाथ जोड हाथ

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१९४८-वालाभाई रुडाच

चरचरी-करवा कइलास वास
त्रिभंगी -संकर सत संगी

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१९७४=नरपतदान आशीया

त्रिभंगी-जय जय शिव संकर

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1960 =विजयसिंह आशिया -राज समंद

छप्पय-भुतेस्वर वंदना

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=दिलजितभाई बाटी

कवित-शिवजीना
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१९६३-उमेदसिंह देवल

नाराच-नमामि नाथ चन्द्रमोली
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१९१५=श्री रायमलभाई देशाभाई सुरू

नाराच :- नमुं सोमनाथ जोडी हाथ

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१९८२ : =श्री प्रवीणभा हरसुरभा मधुडा

हरिगीत :- एकलींग शंकर आप अम्मर
हरिगीत :- जडधर तणी आ जगत माथे
चर्चरी :- शंकर कैलाशवाश
सारसी:- कैलाश निवास ॐ अविनाशी
गीत :- सर्वथी समरथ छे सोमनाथ
गीत :- जटाजट जपो शीवना जाप
सुपंखरो- व्रषभ सवारि करे उमियानो नाथ…
KETAN PATEL
FROME-MORBI. MO.8000015200.

यह भगवान शिव पर प्रकाशित होने वाले ग्रन्थ की सूची है जो चारणी साहित्य को समृद्ध करेगा। आपका सहयोग अपेक्षित है।


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