पशु पक्षी कीट पतंग आदि को नहीं मालूम है कि उनके जीवन का क्या लक्ष्य है? पशु पक्षी सवेरे उठते ही खाने लगते हैं या खाने की जुगाड में लग जाते हैं ।यदि इन्सान भी सवेरे उठते ही खाने पीने और भोग विलास की बातों में लग गया तो मनुष्य और पशु में क्या अंतर रहा? यदि हमने श्रेष्ठ मानव जीवन पाने के बाद भी पशुवत जीवन जिया तो हम से बडा अज्ञानी एवं अभागा कोई न होगा ।
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