कुछ तथाकथित पंडित लोग बिना अष्टाध्यायी व्याकरण,महाभाष्य,निरुक्त,निघण्टु आदि ग्रन्थों को पढे और योग साधना किए वेद मंत्रों का अर्थ करने लगते हैं और वेद मंत्रों के अर्थ का अनर्थ करके मूर्ति पूजा आदि मूर्खतापूर्ण बातों को वेदानुकूल सिध्द करने का पाप करते रहते हैं,उनकी बुध्दि पर तरस आता है l महान् व्याकरणाचार्य,वेदों के प्रकाण्ड विद्वान व योगीराज दयानंद जी का वेदभाष्य,ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका व सत्यार्थप्रकाश पढने से सब संशय,हठधर्मिता,अज्ञानता दूर होती है और वेद मंत्रों का ठीक अर्थ करने में बहुत सहायता मिलती है l
from Tumblr http://ift.tt/1vvmR9n
via IFTTT
No comments:
Post a Comment